| 1. | श्रेष्ठ जन के आशीर्वाद से बिगड़े कार्य बनेंगे!
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| 2. | श्रेष्ठ जन व्यापारियों और धनिकों द्वारा बड़े
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| 3. | चाहेंगे नहिं श्रेष्ठ जन, विस्तृत जग का भोग ॥
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| 4. | निज यश-पालक श्रेष्ठ जन, गले लगें नहिं, हेच ॥
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| 5. | श्रेष्ठ जन, शरीफ आदमी, कुलीन मनुष्य
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| 6. | जो कार्य करता श्रेष्ठ जन करते वही हैं और भी.
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| 7. | कर्मेन्द्रियों से कर्म करता श्रेष्ठ जन अर्जुन! वही.. ३. ७..
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| 8. | ‘‘ जो कार्य करता श्रेष्ठ जन करते वही हैं और भी।
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| 9. | वह श्रेष्ठ जन जो प्रमाण करता है आम जन उसी के पीछे-पीछे चलते हैं।
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| 10. | वह श्रेष्ठ जन जो प्रमाण करता है आम जन उसी के पीछे-पीछे चलते हैं।
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